नित भाव त्याग के रख उर में, सतपथ पर जो नर चलता है। नित भाव त्याग के रख उर में, सतपथ पर जो नर चलता है।
तभी तुम भी शांत हो गयी और पड़ गयी हो सोच में। तभी तुम भी शांत हो गयी और पड़ गयी हो सोच में।
सच में नहीं है आसान मां बन जाना सच में नहीं है आसान। सच में नहीं है आसान मां बन जाना सच में नहीं है आसान।
ये सब तो हुआ उस युग में जब कलयुग का आगमन भी न था स्त्री की दशा में अंतर न कलयुग में ये सब तो हुआ उस युग में जब कलयुग का आगमन भी न था स्त्री की दशा में अंतर ...
त्याग, बलिदान उसका भूलकर कटाक्ष भयंकर करता है। त्याग, बलिदान उसका भूलकर कटाक्ष भयंकर करता है।
उत्पत्ति से आजादी तक बेटी ने दिया खूब त्याग और बलिदान। उत्पत्ति से आजादी तक बेटी ने दिया खूब त्याग और बलिदान।